-आरोपी का पैगा काशीपुर निवासी ममेरा भाई फर्जी नंबर प्लेट लगाकर चला रहा था, पंजाब से करीब एक साल पहले चोरी की गई थी स्विफ्ट कार
जसपुर। फनटीवी न्यूज़
पंजाब से चोरी कर लाई गई कार को पुलिस ने फर्जी नंबर प्लेट लगाकार चलाते समय चालक को पकड़ लिया। कार को पिछले साल आरोपी युवक का ममेरा भाई पंजाब से जसपुर लाया गया था। आरोपी युवक काशीपुर के पैगा निवासी है। पुलिस ने कार को सीज कर आरोपी को जेल भेज दिया है।
कोतवाली में घटना का खुलासा करते हुए सीओ अक्षय प्रहलाद ने बताया कि तीन नवंबर को एसआई मनोज जोशी, अर्जुन सिंह पुलिस टीम के साथ ग्राम कलियावाला मोड़ पर वाहनों की चेकिंग कर रहे थे। एक कार चालक को रोक कर कार के कागज दिखाने के लिए कहा। चालक ने कार के कागज नहीं दिखाए तो पुलिस को शक हुआ। पुलिस ने कार के इंजन और चेचिस नंबर को नेट पर सर्च तो गाड़ी का नंबर पीवी 12 एसी 2602 आया। जबकि कार पर यूपी 21एजेड 8731 नंबर की प्लेट लगी हुई थी। शक होने पर पुलिस कार एवं चालक सुखवंत सिंह पुत्र तेजा सिंह निवासी मंदिर फार्म महीमा राइस मिल पैगा चैकी थाना आईटीआई काशीपुर को कोतवाली ले आई। पूछताछ में सुखवंत ने बताया कि कार उसके मामा का लड़का सत्येंद्र सिंह पुत्र बलकार सिंह निवासी ग्राम सियासतपुर थाना सदर रूपनगर जिला रूपनगर पंजाब बीते जनवरी माह में लेकर उसके घर आया था। वह भी उसके घर पर तीन चार महीने रुका था। उस समय इस कार पर पीबी 12 एसी 2602 नंबर की प्लेट लगी थी। उसने उस नंबर प्लेट को उतार कर फैंक दिया। और दूसरी नंबर प्लेट लगा ली। कोतवाल एनबी भटट ने बताया कि कार को सीज कर आरोपी को फर्जी नंबर प्लेट लगाने के आरोप में जेल भेजा गया है।बताया कि आरोपी पर आईटीआई थाने में धोखाधड़ी के चार मुकदमे दर्ज है। पुलिस टीम में कोतवाल एनबी भटट, एसआई मनोज जोशी, अर्जुन सिंह, सचिन चोहान शामिल रहे।

दिसंबर से लापता है कार मालिक
जसपुर। सुखवंत से बातचीत करने के बाद एसआई मनोज जोशी ने पंजाब पुलिस को कॉल कर घटना की जानकारी दी। पंजाब पुलिस ने एसआई मनोज जोशी को बताया कि ग्राम सियासतपुर थाना सदर रूपनगर निवासी कार मालिक दिलबाग सिंह का पुत्र जसविंदर सिंह बीती 26 दिसंबर से मय कार के लापता है। पुलिस ने मामला दर्ज कर कार एवं कार मालिक के पुत्र की तलाश की। लेकिन वह नहीं मिला। एसआई मनोज जोशी ने बताया कि सुखवंत द्वारा अपने मामा के बेटे सत्येंद्र सिंह के बारे में बताने पर उन्होंने पंजाब पुलिस को सत्येंद्र के बारे में बताया है। पुलिस ने इस पर कार्रवाई करते हुए सत्येंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पूछताछ में सत्येंद्र ने बताया कि कार स्वामी जसविंदर सिंह और वह नहर के किनारे बैठे स्मैक पी रहे थे। ज्यादा स्मैक पीने के कारण जसविंदर बेहोश होकर गया। सत्येंद्र ने उसे मरा समझकर जसविंदर को नहर में फैंक दिया। और कार को लाकर उसने अपने ममरे भाई सुखवंत के घर में खड़ा कर दिया।

